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Monday, January 21, 2013

"कॉर्पोरेट की नौकरी"


Coding करते बीते दिन, और debugging करते बीत गई राते,
Documentation पर weekends हुवे स्वाहा, 
और call attend किये, dinner खाते-खाते;
फिर भी जब appraisal आया, empty sheet मिल गई,
हाय यह corporate की नौकरी, मेरी जवानी लील गई ।।

दिन-दिन भर की trainings तो, हालत ऐसी कर देती है,
कि सत्य नारायण की कथा भी अब, एक entertainer लगती है ;
Cafe का बटर-पनीर भी, chewing gum जैसा लगता है,
घर का हो तो टिंडे-चावल, भी अब अच्छा लगता है ;
चाय के नाम पर गरम पानी बस, मशीन उगला करती है, 
जिसको पीकर रात-रात भर, अपनी coding चलती है ।
फिर भी जब deadline slip हुई, दिवाली की छुट्टी cancel भयी, 
हाय यह corporate की नौकरी, मेरी जवानी लील गई ।।

गर होता दा विंची corporate में, क्या मोनालिसा बन पाती थी,
design review करवाते-करवाते, नानी याद आ जाती थी ;
क्या गोपीया दीवानी होती, ऐसे किसी कृष्ण की बंसी से, 
जो दिन-रात पड़ा रहता हो, cube में अपनी mnc के ;
Attend करते-करते meetings, Roger का हाल कुछ ऐसा होता,
वो जाकर court में tennis के, खूब मजे से सोता ; 
Fire-fighting करते-करते, जिंदगी अपनी कारगिल हुई,
हाय यह corporate की नौकरी, मेरी जवानी लील गई ।।